सोमवार, 20 मार्च 2023

तुलसी श्याम मंदिर, गिर सोमनाथ, गुजरात - Tulsi Shyam Temple

Tulsi Shyam Temple भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। Tulsishyam मंदिर प्रकृति के गोद में! सासन Gir National Park के पश्चिम में ऊना से तकरीबन 30 किलोमीटर जंगल के अंदर है।

Tulsishyam temple चारों ओर पहाड़ों के बीच में बसा है। पहाड़ के ऊपर माता रुक्मणी का मंदिर है। कहते हैं जब रुकमणी जी और श्री कृष्ण की लड़ाई हुई तब रूठ कर रुकमणी माता पहाड़ के ऊपर चले गए तबसे मंदिर पहाड़ के ऊपर ही है!

Tulsi Shyam Temple

तुलसीश्याम मंदिर जाने का रास्ता गिर के जंगल में प्राकृतिक और बहुत खूबसूरत है।

जंगल के अंदर इंटर होने से पहले चेक पोस्ट पर परमिशन लेनी पड़ती है।

सुबह 10:00 से शाम को 5:00 बजे तक तुलसीश्याम जाने की अनुमति है

तुलसीश्याम मंदिर गीर नेशनल पार्क के जंगल में हे इसलिए सफर के दौरान आप प्राकृतिक सौंदर्य ,हरिवनराय , झरने ,नदी पहाड़ ,और जंगली जानवर ,शेर , शीतल , सांभर , लेपर्ड , मोर इत्यादि देख सकते हो!

तुलसीश्याम की खासियत - Magnetic hills and kund - Anti Gravity Area

तुलसीश्याम यहां के मैग्नेटिक हिल्स (magnetic Hills) और गरम पानी के कुंड के लिए विश्व विख्यात है।

तुलसीश्याम मंदिर से 500 मीटर की दूरी पर पहाड़ की ढलान पर मैग्नेटिक क्षेत्र है।

इस क्षेत्र पर कोई भी चीज अपने आप ऊपर की तरफ खींचने लगती है! कार अपने आप ऊपर चढ़ने लगती है ! इस ढलान पर पानी का बहाव ऊपर की और होता है।

तुलसीश्याम में तीन गरम पानी के कुंड है। तीनों कुंड में पानी अलग-अलग टेंपरेचर होता है!

इस कुंड में नहाने से त्वचा के रोग मिट जाते हैं इस कुंड में सल्फर की मात्रा ज्यादा है।

तुलसीश्याम से 500 मीटर की दूरी पर भीमसा नामक एक स्थान है कहते हैं यहां पर पांच पांडव रुके थे और एक पत्थर पर भीम ने साह बनाए थे जो आज भी है।

लेकिन अब वहां पर जाने की अनुमति नहीं है।

तुलसीश्याम मंदिर का इतिहास Tulsishyam Temple History

तुलसीश्याम मंदिर 1000 साल पहले बनवाया गया था लेकिन उसमें बसी भगवान श्याम सुंदर की मूर्ति 3000 साल पुरानी है

पौराणिक कथा के अनुसार जालंधर दानव भगवान शिव का गण था जालंधर ने दिव क्षेत्र(Diu) मैं राज्य की स्थापना की थी!

और भगवान नारायण का भक्त था। भगवान नारायण ने उसको वरदान दिया था कि तुम और तुम्हारी पत्नी जब तक अधर्म नहीं करोगे तब तक तुम्हें कोई मार नहीं सकेगा!

लेकिन जालंधर ने तो देवताओं के साथ युद्ध करना शुरू कर दिया इससे देवताओं तंग आकर जालंधर को मारने की योजना बनाने लगे।

1 दिन नारायण ने जालंधर को उकसाया कहा तुम्हारे पास सब कुछ है धन दौलत परंतु पार्वती जैसी पत्नी नहीं है! जालंधर को यह बात अच्छी नहीं लगी। वह को निकल पड़ा भगवान शिव से युद्ध करने।

उसी दौरान जालंधर की पत्नी वृंदा को स्वप्न आया की उसका पति जालंधर मारा गया।

वृंदा जब अपने पति को ढूंढने निकल गई। हाल का जो तुलसी श्याम है वहां पर भगवान ने जालंधर का रूप लेकर उसके साथ रात गुजारी तो वृंदा को सब असलियत पता चल गई और वृंदा ने भगवान को श्राप दे दिया! तुम मेरे पति नहीं हो तुमने मेरा सतीधर्म तोड़ा है तुम आज से पत्थर हो जाओगे।

भगवान नारायण ने उसको आश्वासन दिया तुम्हारा श्राप व्यर्थ नहीं जाएगा! लेकिन तुम्हारे पति को मारने का दूसरा कोई रास्ता नहीं था मैंने तुम्हारे साथ गलत किया है इसलिए मैं तुम्हें वरदान देता हूं

आज से तुम इस जंगल में तुलसी के रूप में और मैं श्याम के रूप में अवतार लूंगा और हमारा विवाह होगा!
और मुझे जो कोई भी भोग (प्रसाद) चढ़ावा आऐगा उसमें तुलसी के पत्ते नहीं होगे तो प्रसाद मैं स्वीकार नहीं करूंगा
तुम। एक औषधि के रूप में उपयोग होगी और लोगों का दुख दूर करोगी

उसके बाद कितने सालों तक भगवान श्याम सुंदर की मूर्ति पत्थर के रूप में जमीन के नीचे दबी रही!

दीव के एक सेठ जुगल रायचंद वाणिया को भगवान श्याम सुंदर सपने में गए और उसको कहा कि मेरी मूर्ति और तुलसी यहां पर जमीन के नीचे दबी हुई है तुम और दूधाधारी संत और देवा सदिया चारण ! सुबह इस मूर्ति को निकालना और मेरा मंदिर बनवाना! मैं तुम्हारी मनोकामना पूर्ण करूंगा

सेठ जुगल चांद वाणिया ये भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।

भगवान श्याम बाबरियावार्ड के क्षत्रिय समाज के इष्ट देव है!

तुलसीश्याम मंदिर की भव्यता देखकर देलवाड़ा के राजा भोज ने तुलसीश्याम पर दो बार अटैक किया

बाबरियावार्ड के क्षत्रिय समाज और डेडान महिया कोटिला ने साथ मिलकर तुलसीश्याम की रक्षा की थी!

Tulsi Shyam Temple

तुलसी श्याम के नजदीकी पर्यटन स्थल

रावेल डैम तुलसी श्याम जसाधार चेक पोस्ट से तकरीबन 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रावेल डैम अत्यंत खूबसूरत पहाड़ियों और जंगलों से घिरा बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है।

यहां पर पर्यटन शांत माहौल और प्राकृतिक खूबसूरती के गोद में काफी सारा टाइम बिता सकते हैं। इसके अलावा रावेल डेम से बहता पानी का नजारा देखने का आनंद और वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी, वनभोजन कर सकते हैं। रावेल डैम अत्यंत खूबसूरती के लिए प्रख्यात है यहां पर काफी सारे पर्यटन विजिट करते हैं।

रावेल डैम से आसपास के क्षेत्र में पानी की सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है।

तुलसीश्याम रुकने की व्यवस्था – Tulsishyam Room booking

तुलसीश्याम में रुकने के लिए धर्मशाला और गेस्ट हाउस की व्यवस्था है! Ac या नॉन Ac रूम मिल जाएंगे! या तो आप 500 से ₹700 में रूम (Room booking) बुक करवा सकते हो

यहां के भोजनालय में खाने का और गरम पानी के कुंड में नहाने का लुत्फ उठा सकते हो

कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग – तुलसीश्याम का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट दीव(Diu) , केशोद , राजकोट, है। यहां से आप सरकारी बस एवं प्राइवेट वाहन से तुलसीश्याम पोहुंच सकते हो सकते हो।

रेलवे मार्ग – तुलसीश्याम का सबसे नजदीक जंक्शन देलवाड़ा, उना ,वेरावल ,बर्फटाणा (Rajula city) जंक्शन से तुलसीश्याम पोहच सकते है।

सड़क मार्ग – राष्ट्रीय राज्य मार्ग( महुवा, वेरावल) 8A गुजरात महाराष्ट्र डायरेक्ट जुड़ा हुआ है।

शनिवार, 4 मार्च 2023

स्टेचू ऑफ यूनिटी घूमने की जानकारी और टिकट प्राइस लिस्ट - Statue Of Unity All Info and Ticket Price List
स्टेचू ऑफ यूनिटी - Statue Of Unity

स्टैचू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है। गुजरात में स्थित यह प्रतिमा विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति है, जिसे विश्व के आठ अजूबों में शामिल किया गया है।

स्टैचू ऑफ यूनिटी गुजरात के वडोदरा शहेर से 90 किलोमीटर दूर नर्मदा जिले के केवड़िया मैं साधु बेट नामक आईलैंड पर स्थित है। सरदार सरोवर बांध से तकरीबन 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची गगनचुंबी प्रतिमा है।