जूनागढ़ में मुख्य 3 बौद्ध गुफाओं के समूह में 1) ऊपरकोट गुफाएं, 2) खापरा कोडिया गुफाएं और 3) बाबा प्यारे गुफाएं शामिल हैं। ऊपरकोट गुफाओं के बारेमें हमने इस आर्टिक्ल मे लिखा है ऊपरकोट किला (जूनागढ़) यहाँ हम आपको खापरा कोडिया गुफाएं और बाबा प्यारे गुफाओं के बरेमे बताएँगे।
खापरा कोडिया गुफाएं
जूनागढ़ में उपरकोट के पास खापरा कोडिया गुफाएं स्थित है, ये असल में गुफाएं नहीं हैं, बल्कि पत्थर से तराशे गए कमरों के तीन अलग-अलग स्थल हैं, ये गुफाएँ 2000 साल से ज्यादा पुरानी मानी जाती है।
इसकी लंबाई 250 फीट और चौड़ाई 175 फीट जितनी है। ये गुफाये प्राचीनीं सुदरसन झील के किनारे स्थित है ये झील अब मौजूद नहीं है। इन गुफाओं के पश्चिम भाग मे चतुराई से बनाई गयी जल संग्रह की व्यवस्थाा देखि जा सकती है। ये वास्तव मे बोद्ध गुफाएँ है लेकिन यहाँ के लोगों ने इसे खपरा कोडिया नाम दिया है।
1874 पुरातत्व शास्त्री जेम्स बेर्जेस (James Burgess) पश्चिम भारत के खंडर खोज रहे थे तब उसका धायन पत्थर की इन गुफाओं पर पड़ा, अंग्रेजोने स्थानिक लोगों से पूछा तो उन्होने खापरा कोढ़िया नाम कहा।
अमिताभ बच्चन सर ने इन गुफाओं का प्रचार करने के कारण अब इसे गुजरात के पर्यटन मे शामिल किया गया है।
खपरा कोडिया के बारे मे कई सारी कहानिया है, कहा जाता है खपरो और कोड़ियों दो लुटेरे थे जो यहाँ पर छुप कर रहते थे।
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रेलवे स्टेशन से खापरा कोड़िया का नक्शा
बाबा प्यारे गुफाएं
ऐसा माना जाता है कि वे पहली – दूसरी शताब्दी ईस्वी बाबा प्यारे गुफाएं से हैं। इनमें तीन मंजिलों में 13 कमरे हैं, जो 45 मीटर चट्टान में कटे हुए हैं। (150 फीट) ऊँचा और बौद्ध प्रतीकों की नक्काशी से सजी हुआ है। ये खापारा कोडिया गुफाओं की तुलना में बहुत अधिक बरकरार हैं। ये गुफाये ऊपरकोट किले के नजदीक है।
रेलवे स्टेशन से बाबा प्यारे गुफाएं का नक्शा