गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित तुलसी श्याम कुण्ड (Tulsi shyam hot water springs) ऐसी जगह है जहाँ पर सर्दियों के मौसम में भी पानी गर्म रहता है।
इसी जगह पर ग्रेविटी के नियम भी फेल हो जाते हैं यानि की यहाँ पर होने वाली गतिविधियाँ ग्रेविटी के विपरीत होती है जो की आश्चर्य की बात है।
इस आर्टिकल में मैंने Tulsi Shyam Hot Springs के बारे में सारी जानकारी देने की कोशिश की है अगर आप वहां पर घूमने जा रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
तुलसी श्याम कुण्ड (Tulsi shyam hot water springs )
तुलसी श्याम कुण्ड गुजरात में स्थित है। यह जूनागढ़ से 65 किमी दूरी पर पड़ता है इस कुण्ड का पानी सभी मौसम में अपने आप गर्म रहता है।
यहाँ पर गर्म पानी के तीन कुण्ड है इनकी खासियत यह है तीनो कुण्ड में पानी का तापमान अलग अलग रहता है एक कुण्ड में पानी कम गर्म, दुसरे में थोडा ज्यादा गर्म और तीसरे में काफी गर्म पानी रहता है ।
प्राकर्तिक वातावरण के बीच धारी – ऊना रोड पर स्थित, हॉट स्प्रिंग्स के बारे में जाना जाता है की इसमें उपचारात्मक शक्तियां हैं यानि पानी से स्नान करने पर आपके रोग दूर हो जाते हैं।
यहाँ पर अक्सर तीर्थयात्रियों को पानी में नहाते हुए देखा जा सकता है। झरनों का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है और इन्हें ‘तप्तोदक’ कहा जाता है।
तुलसी श्याम कुण्ड के पास में ही तुलसी श्याम मंदिर भी स्थित है जो की काफी खूबसूरत है। ऐसा माना जाता है कि तुलसीश्याम मंदिर 1000 साल पहले सोलंकी राजवंश के दौरान बनाया गया था
अपनी महान प्राकृतिक सुंदरता के लिए विशेष रूप से जाना जाता है, यहाँ तुलसी श्याम की मूर्ति लगभग 3000 वर्ष पुरानी मानी जाती है।
तुलसी श्याम मंदिर एक पर्यटन केंद्र है जो भगवान कृष्णा को समर्पित है। जूनागढ़ जिले के ऊना उप-जिले में स्थित, मंदिर गिर के केंद्र में पाया जाता है और ऊना शहर से लगभग 30 किमी दूर स्थित है।
किंवदंती है कि भगवान कृष्ण ने एक राक्षस, तुल का वध किया था, और इस प्रकार इस स्थान का नाम तुलसीश्याम रखा गया है: तुल के लिए तुलसी और भगवान कृष्ण के लिए श्याम।
तुलसी श्याम कुण्ड के पास ही 700 साल पुराना रुक्मणि देवी का मंदिर है यहां पहुंचने के लिए, आपको शीर्ष पर 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है।
तुलसीश्याम एंटी ग्रेविटी हिल एक गुरुत्वाकर्षण पहाड़ी है जहां वाहन गुरुत्वाकर्षण के विपरीत ऊपर की ओर लुढ़कते हैं। इस जगह सड़क पर पानी डालने पर भी वह ढलान के विपरीत बहता है।
तुलसी श्याम मंदिर राजमार्ग SH104 (जिसे SH33 भी कहा जाता है) से 400 मीटर, अमरेली शहर से 75 किमी जूनागढ़ से 110 किमी, राजकोट से 166 किमी, भावनगर से 170 किमी, द्वारका से 300 किमी और अहमदाबाद से 310 किमी दूर है.
यहां पहुंचने के लिए निजी और राज्य परिवहन की बसें उपलब्ध हैं। अगर आप रात भर रुकना चाहते हैं तो सरकारी गेस्ट हाउस में रुक सकते हैं। खाना भी वहीं मिलता है।
आपको अपने कमरे में सुबह 9 बजे से पहले और शाम 6 बजे के बाद होना चाहिए क्योंकि जंगल और जंगली जानवर जैसे शेर आदि घूमते रहते हैं।
निकटतम आकर्षण –
पनिया वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, आंबरडी सफारी पार्क, प्राचीन सोमनाथ मंदिर
ठहरने की जगह –
होटल गिरनार, द फ़र्न गिर फारेस्ट रिसोर्ट, लियो रिसॉर्ट्स जूनागढ़
कैसे पहुंचे –
सड़क मार्ग – निकटतम बस स्टेशन उना है जो की 30 किमी दूर है।
रेल मार्ग – निकटतम रेलवे स्टेशन उना है जो की 30 किमी दूर है।
हवाई मार्ग – निकटतम हवाई अड्डा राजकोट (150 किमी) है। अहमदाबाद हवाई अड्डा लगभग 300 किमी है।