ऊपरकोट किला (Uparkot fort) पूरे भारत में सबसे पुराना किला माना जाता है। इस किले में ही जूनागढ़ शहेर बसा हुआ था।
एसा माना जाता है की जूनागढ़ शहेर का नाम भी ऊपरकोट किले के इतिहास के कारण ही जूनागढ़ पड़ा है।
ऊपरकोट किला अभी के जूनागढ़ शहेर से करीब 150 फीट की उँचाई पर स्थित है। इसी लिए इसे ऊपरकोट किला कहा जाता है।
- ऊपरकोट किले का इतिहास – Uparkot Fort History in Hindi
- ऊपरकोट किले मे देखने लायक स्थान – Places to visit in Uparkot Citadel
- ऊपरकोट किला घूमनेका साँसे अच्छा समय (Best time to visit Uparkot)
- ऊपरकोट किले तक कैसे पहुंचे (How to Reach Uperkot Fort)
- ऊपरकोट किला देखने का समय (Uparkot Fort visit time)
- ऊपरकोट किला प्रवेश शुल्क (Uparkot Fort Entry Fees)
- Uparkot Map
ऊपरकोट किले का इतिहास (Uparkot Fort History in Hindi)
ऊपरकोट किले (Uparkot Citadel) को 2300 साल पहले मौर्य साम्राज्य के दौरान स्थापित किया गया था।
राणक देवी और राजा सिद्धराज जैसिंह की कहानी
कहा जाता है की इस किले के चुड़ासमा वंश के राजा रा’खेंगार की पत्नी रानी राणक देवी को हाँसिल करने की चाहत मे गुजरात पाटन का राजा सिद्धराज जैसिंह किले के अंदर जाने के लिए 12 साल तक प्रयास करता रहा लेकिन वो किले के अंदर जाने मे असफल रहा। १२ साल तक जूनागढ़ की प्रजा को किले के अंदर ही जीवन ज़रूरी समान और अनाज मिलता रहा। लेकिन १२ साल बाद किले मे अनाज ख्तम हो गया तब रा’खेंगर के दो भांजो को किल्ले के बाहर अनाज लेने के लिए भेजे गये तब सिद्धराज जैसिंह ने उन दोनो को लालच दी की वो दोनो राजा को मार दें तो राज दोनो भांजो का और रानी राणक देवी सिद्धराज की होज़ाये। दोनो भांजो ने लालच मे आके दुश्मनों को किले के अंदर पहुँचने में मदद की और रा’खेंगार को मरवा दिया। और रानी उसके पीछे सती हो गई।
किले की दीवारें करीब 20 मीटर तक ऊंची है। ऊपरकोट किले के चारो तरफ़ दीवार के नज़दीक 300 फीट गहरी खाई है। इस खाई के अंदर काफ़ी सारे मगरमच्छ थे अगर कोई इस किले की दीवार के नज़दीक जाने की कोशिश करता तो मगरमच्छ से भरी खाई मे गिर जाता
ऊपरकोट किले मे देखने लायक स्थान (Places to visit in Uparkot Citadel)
नीलम और मानेक तोपें (Neelam and Manek Cannons)
किले की चारों तरफ दीवारो पर तोपें लगाई गई है। इस किले मे सबसे बड़ी 2 तोपें है नीलम और मानेक जिसे ईरान से लाया गया था इन तोपों को पहले दिउ के किले मे रखी गई थी फिर महमूद बेगड़ा ने एक साथ 2 किले फ़तह किए जूनागढ़ और पावागाढ़, इस लिए ये तोपें मोहमद शाह नवाब ने खुस होकर महमूद बेगड़ा को भेंट कर दी थी। बड़ी तोप नीलम है जो 5 किमी दूर तक गोला फेंक सकती थी और छोटी तोप का नाम मानेक हे जो 2 किमी दूर तक गोला फेंक सकती थी।
जामा मस्जिद (Jama Masjid)
जामा मस्जिद का निर्माण 15 वीं शताब्दी में करवाया था, महमूद बेगड़ा ने 1472 में जूनागढ़ पर कब्जा करने के बाद जामा मस्जिद बनवाई थी। अब इस मस्जिद मे नमाज़ नही होती, और ये लोगों के लिए एक ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है।
जूनागढ़ शहर मे एक और जामा मस्जिद है जो 1423 मै बनाई गयी है। अन्य मस्जिदों की तरह यहाँ दिनमें 5 वक्त की नमाज़ होती है।
नूरी शाह का मकबरा (Tomb of Nuri Shah)
नूरी शाह का मकबर जामा मस्जिद के प्रवेश द्वार के सामने स्थित है।
अडी कड़ी वाव (Adi Kadi Vav)
अडी कड़ी वाव 15 वीं शताब्दी में बनाया गया था इसे कठोर चट्टान को खोद कर बनाया गया है। कहा जाता है कि राजा ने एक बावड़ी (Stepwell) बनाने का आदेश दिया और श्रमिकों ने इस कठोर पत्थर में खुदाई की, लेकिन पानी नहीं मिला, तो राजा के शाही पुजारी ने कहा कि पानी तभी मिलेगा जब दो अविवाहित लड़कियों की बलि दी जाएगी। इसके लिए अडी और कड़ि को चुना गया और उनके बलिदान के बाद पानी मिला। इसलिए इसका नाम उन दोनो लड़कियों अडी और कड़ी की वजह से अडी कड़ी वाव हुआ।
रा’नवघन कुओ (Navghan Kuvo)
नवघन कुएं का नाम चुडासमा राजा रा’नवघन’ के नाम पर रखा गया है। माना जाता है कि इसका निर्माण उनके बेटे रा’खेंगर के शासनकाल के दौरान पूरा हुआ था।
बौद्ध गुफाएं (Buddhist Caves)
बौद्ध गुफाओं के समूह में 1) ऊपरकोट गुफाएं, 2) खापरा कोडिया गुफाएं और 3) बाबा प्यारे गुफाएं शामिल हैं। इन गुफाओं को तीसरी-चौथी शताब्दी ईसा पूर्व सम्राट अशोक के शासन के दौरान शुरू किया गया था जो पहली-चौथी शताब्दी ईस्वी तक पूरा हुआ।
ऊपरकोट पर जो बौद्ध गुफाएं हैं उन्हे ऊपरकोट गुफाएं कहते है। खापरा कोडिया और बाबा प्यारे गुफाएं ऊपरकोट से बाहर बगल मे ही स्थित है। दूसरे आर्टिक्ल में हमने खापरा कोडिया और बाबा प्यारे गुफाएं के बारेमे जानकारी दी है उसे भी जरूर पढ़ें।
जूनागढ़ पर कई हिंदू और मुस्लिम राजाओं ने राज किया था।
आज का जूनागढ़ शहर उपर्कोट किले के बाहर बसा हुआ हे जिसे मुस्लिम राजाओं ने ५३० साल पहले बसाया था। और पुराना जूनागढ़ शाहर इस किले के अंदर ही था।
ऊपरकोट किला घूमनेका सबसे अच्छा समय (Best time to visit Uparkot)
ऊपरकोट किला घूमनेका सबसे अच्छा समय सर्दियों सर्दियों पर आप गर्मियों मै भी घूमने जा सकते है। जनवरी से अप्रैल और अक्टूबर से दिसंबर महीनों में जा सकते है।
ऊपरकोट किले तक कैसे पहुंचे (How to Reach Uperkot Fort)
उपरकोट किला जूनागढ़ के मुल्लावाड़ा मे स्थित है। ऊपरकोट किले तक पहॉंचने के लिए आपको बस स्टेशन या रेलवे स्टेशन से आसानी से ऑटो रिक्शा मिल जाएगी।
ऊपरकोट किला देखने का समय (Uparkot Fort visit time)
समय: सुबह 8:00 से शाम 6:00 तक
ऊपरकोट किला प्रवेश शुल्क (Uparkot Fort Entry Fees)
12 वर्ष से अधिक आयु: INR 100 प्रति व्यक्ति
12 वर्ष से कम आयु: INR 50 प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपये प्रति व्यक्ति
लाइट एंड साउंड शो
12 वर्ष से अधिक आयु: INR 150 प्रति व्यक्ति
12 वर्ष से कम आयु: INR 75 प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटकों के लिए 500 रुपये प्रति व्यक्ति
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