बुधवार, 20 अप्रैल 2022

ओसम हिल पाटणवाव - Osam Hill Patanvav

ओसम पर्वत

ओसम हिल (Osam Hill) गुजरात के राजकोट शहर के धोराजी तहसील के पाटणवाव (Patanvav) गांव में स्थित है। ओसम हिल एक प्राकृतिक, खूबसूरत और आध्यात्मिक चेतना से भरपुर पर्यटन स्थल है। ओसम पर्वत पर पेर्लाइट (Perlite) नामक वोल्कानिक ग्लास भी पाए जाते हैं। ओसम पर्वत पर प्रकृति का आनंद लेने के साथ साथ आप धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते है। ये एक दिन के प्रवास के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है, यहाँ हमने ओसम पर्वत पर देखने लायक स्थानों की सूचि बनायीं है।

ओसम पर्वत पर देखने लायक स्थान

ओसम मात्री माताजी मंदिर
Images source: http://patanvav.com/home.html
ओसम मात्री माताजी मंदिर
ओसम मात्री माताजी मंदिर विक्रम सवंत 1135 बनाया गया था. ये मंदिर पाटणवाव से लगभग 3km दूर 1125 फीट की उँचाई पर स्थित है।

माताजी का तालाब (झील)
मात्री माताजी के विस्तार मे ये जील है, इसलिए इसे माताजी का तालाब कहते है। ये तालाब चारों तरफ पेड़ और झाड़ी से घिरा हुआ है। यहा सांत वातावरण होता है, ये बहुत ही अच्छा, आध्यात्मिक, परम पवित्र और मनमोहक तालाब है।

श्यामपुरी और नर्मादापुरी की समाधि
श्यामपुरी और नर्मादापुरी की समाधि
मात्री माताजी मंदिर के ठीक सामने ही श्यामपुरी और नर्मादापुरी की समाधि है।. ये दोनो भाई बहेन एक ही गुरु के सीस्य थे इन्होने जिंदा समाधि ली थि।

कांचलियो विरडो
विरडो का मतलब एक छोटासा गड्ढा होताहै जिसमे पानी भरा हो।
ओसम मात्री माताजी मंदिर से पूर्व की और टपकेश्वर महादेव के मंदिर की तरफ जाते रास्ते पर पहले कांचलियो विरडो आता है। इसका आकार श्रिफल जेसा लगता है। गुजराती मे कटे हुए नारियल के खोल को कांचली कहते है। ये भी एसा ही दिखता है जेसे कटे हुए नरियल मे पानी भरा हो, इसीलये इसे कांचलियो विरडो कहते है।

भीम की ढेरी
भीम की थाली और भीम की ढेरी
शिव गुफा की उपर की तरफ भीम की थाली देखने को मिलती है, एक बड़े पत्थर पर तराशी हुई ये थाली देख कर आप आश्चर्य चकित हो जाते है। और पगदंडी के अंत मे भीम की ढेरी देखने को मिलती है।

टपकेश्वर महादेव
टपकेश्वर महादेव
ओसम पर्वत की ये गुफा शिव गुफा है, यहाँ शिवलिंग पर आदि-काल से पानी टपक रहा है। इसी लिए इसे टपकेश्वर महादेव मदिर केह्ते है।

संत विरडो
संत विरड संतो की साधना का स्थल है, यहाँ का पानी भी संतो की तरह शीत है।

पंचकोरियु
ये भी एक जील है, यहाँ विशेष नीलकमल देखने को मिलते है।

देवशीबापा कोठारी मंदिर
देवशीबापा कोठारी मंदिर
पंचकोरियु के किनारे पर देवशीबापा मंदिर है, ये मंदिर कोठारी परिवार ने बनाया है क्यूंकी कोठारी परिवार देवशीबापा को खूब मानते है।

भीम का कोठा
भीम का कोठा
देवशीबापा मंदिर से पगदंडी पर आगे थोड़ी कठिन चढ़ाई है वही पर भीम के कोठे के दर्सन होते है।


भिमनाथ महादेव
भीम के कोठे के सामने भिमनाथ महादेव मंदिर है, इस मंदिर के बाजू मे रहनेकी व्यवस्था भी है और सामने एक मैदान है।

भीम कुंड
भिमनाथ महादेव मंदिर के पूर्वअग्निकोणीय दिशा मे बाहर की तरफ भिमकुंड है। ये कुंड काफ़ी गहरा है। कहा जाता है की भीम ने तप करके इस जगह पर जल धारा प्रकट की थी इस लिए इसे भीम कुंड कहते है।

इसके अलावा और भी देखने लायक जगह है, जैसे: जगेश्वर महादेव, धर्मेश्वर महादेव मंदिर, भीम नो गोरो, डेडकियू तालाब, रा'टिम्बो, होडी टिम्बो, टपकियू तालाब, हेडंबा टूंक (शिखर), हेडंबा वन (जंगल), हेडंबा हिँचको (झूला), माया टिम्बो, नाग मंदिर, हिंदवा पियर, शांति विरडो, आतंशा विरड, कबीर विरड, मोरजर, सतज़र, अंधारिजर, साग्ज़र, श्री शांति स्नतरामय जिनालय, शिद्ध्चक्र यंत्रमय जिनालय और महबूब शाह पीर दरगाह।

ओसम लोक-मेला - Osam mela (Festival)
ओसम लोक-मेला - Osam mela (Festival)
पाटणवाव में हर साल हिंदू कैलेंडर के श्रावण अमावस्या पर एक लोक-मेला आयोजित किया जाता है जिसमें भारी भीड़ में लोग मात्री माताजी के दर्सन करने के लिए आते है।

ओसाम पर चढ़ने के लिए मुख्य 4 रास्ते है

1) पाटणवाव से टपकेश्वर महादेव
भीम की ढेरी >> भीम की थाली >> टपकेश्वर धोध-टपकेश्वर महादेव >> गौमुखी टपकेश्वर।

2) पाटणवाव से मात्री माताजी मंदिर
शांति विरडो >> आंबॅलिवाडू भोयरू >> मात्री माताजी मंदिर

3) पाटणवाव से देवशीबापा मंदिर
खोडियार मंदिर >> पंचकोरियु >> देवशीबापा मंदिर

4) पाटणवाव से भिमकुंड
रामदेव मंदिर >> काली मंदिर >> सिद्धेस्वर महादेव >> कबीर विरडो >> भांगलिया हनुमान >> शांति स्नतरामय जिनालय >> भीम नो कोठो >> भिमनाथ महादेव >> भीम कुंड

तीर्थ स्थानों को एक दूसरे से जोड़ते रास्ते

1) मात्री माताजी मंदिर से टपकेश्वर महादेव
कांचलियो विरडो >> संत विरडो >> गणेश गुफा >> टपकेश्वर महादेव

2) मात्री माताजी मंदिर से भिमकुंड
धर्मेश्वर महादेव >> माताजी तालाब >> पॅंचकोरियु तालाब >> देवशीबापा मंदिर >> शांति स्नतरामय जिनालय >> भीम नो कोठो >> भिमनाथ महादेव >> भीम कुंड

3) भीम कुंड से जैन मंदिर
रुड-दास नू भोयरू >> भीम गोरो >> डेडकियू >> रा'टिम्बो >> होली टिम्बो >> हेडंबा वन >> हेडंबा नो हिचको >> जैन मंदिर

ओसम के सारे रास्ते पगडंडी हैं, बारिश के मोसम मे ओसम पर्वत घूमने का एक अलग ही अनुभव होता है।

पाटणवाव कैसे पहुंचें? (How to reach Patanvav?)

गुजरात के दो बड़े शहर राजकोट ओर जूनागढ़ से पाटणवाव आसानी से पहुँचा जा सकता है।
राजकोट से पाटणवाव 120 km की दूरी पर है और जूनागढ़ से पाटणवाव 30 km की दूरी पर है।
राजकोट से आप सरकारी बस या ट्रेन से भी पाटणवाव जा सकते है, पाटणवाव से निकट रेलवे स्टेशन धोराजी ओर उपलेटा शहेर मे है।
अगर आप राजकोट से आते है तो ट्रेन या सरकारी बस से धोराजी तक पहुच सकेते है उसके बाद धोराजी से पाटणवाव के लिए सरकारी बस उपलब्ध होती है।
लेकिन मैं आपको अपनी कार या प्राइवेट वाहन में जाने की सलाह दूँगा जिससे आपको यहाँ तक पहुँचने और वापस जाने मे दिक्कत ना हो।

जूनागढ़ के प्रसिद्ध 15+ घूमने की जगहें

अगर आप पाटणवाव गये है तो कॉमेंट में अपना अनुभव ज़रूर शेर करें, पोस्ट अच्छी लगे तो शेर करें और ऐसी ही पोस्ट की जानकारी के लिए ब्लॉग को ईमेल अड्रेस दे कर सबस्क्राइब भी करलें. धन्यवाद!

Osam Hill Patanvav Map

Patanvav Official site

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