मंगलवार, 19 सितंबर 2023

Jambavan Caves Porbandar In Hindi

जामुवंत की गुफा को Jambuvanti caves के नाम से भी जाना जाता है। जामवंत की गुफाओं सौराष्ट्र के प्रख्यात बरडा डूंगर की तलहटी में पोरबंदर से तक़रीबन 17 किलोमीटर की दूरी पर राणावाव गांव से 3 किलोमीटर की दूरी पर पोरबंदर राजकोट हाईवे पर स्थित है।

यह रहस्यमई पर्यटन स्थल पौराणिक, धार्मिक, और पुरातात्वीक के लिए महत्व का स्थान है। यह स्थान सौराष्ट्र पुरातत्व विभाग के देखरेख में है। यहां पर गुफा की छत से पानी टपकने से मिट्टी (पत्थर) की बहुत सारे स्वयंभू शिवलिंग बनती हैं। और हमेशा शिवलिंग पर अपने आप कुदरती तरीके से जल अभिषेक होता रहता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जामुवंत गुफा के बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं है।

Jambavan caves in Porbandar

जामवंत गुफा की जानकारी – Jambavan caves (gufa) Information

जामवंत गुफा ऊपर से एक छोटी बावड़ी जैसी है। गुफा के अंदर नीचे पहुंचने के लिए पत्थर की सिढिंया द्वारा जा सकते हैं। गुफा के भूगर्भ में गुफाओं की एक बड़ी श्रृंखला है।

गुफा के भूगर्भ में पहुंचते ही ऐसा प्रतीत होता है कि विचित्र लोग में चले आए है। प्राकृतिक चमकती सुनहरी रेत और सुनहरे दीवारो पर जब रोशनी गिरती है तब यह गुफा अत्यंत खूबसूरत और अद्भुत लगती है। जामवंत गुफा के अंदर कुदरती तरीके से कई सारी शिवलिंग का बनना गणेश जी का बनना और शिवलिंग के ऊपर कुदरती तरीके से जल का अभिषेक होना किसी रहस्य से कम है।

कहा जाता है की इस गुफा में छोटे-बड़े तकरीबन 51 से अधिक शिवलिंग कुदरती तरीके से बनता है। जिस पर गुफा की छत से हर समय अपने आप पानी टपकता रहता है। सभी शिवलिंग में पातालेश्वर शिवलिंग मुख्य है। इस गुफा में दो बड़ी सुरंग मौजूद है जो एक द्वारका और दूसरी जूनागढ़ तक जाती हैं। छत के ऊपर हवा उजास और रोशनी के लिए तो बड़े छेद है।

यह गुफा त्रेता युग और द्वापर युग के साक्षी वानर राज जामवंत जी की है। इसलिए इस गुफा को जामवंत गुफा के नाम से जाना जाता है। जामवंत जी ने इसी गुफा में कितने सालों तक शिव की में तपस्या की थी जामवंत जी शिव के परम भक्त थे इसीलिए इस गुफा में बहुत सारी प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण अपने आप होता है।

अमरनाथ में कुदरती तरीके से बर्फ की शिवलिंग बनती हैं और यहां पर पानी टपकने से पत्थर की शिवलिंग बनती है।

जामवंत गुफा का इतिहास – Jambavan Caves History In Hindi

श्री राम और रावण के युद्ध के दौरान जामवंत भगवान राम की सेना के सेनापति थे। युद्ध की समाप्ति के बाद भगवान श्री राम जब वहां से विदा होकर अयोध्या लौटने लगे तो जामवंत जी ने उनसे कहा प्रभु युद्ध में सबको लड़ने का अवसर मिला परंतु मुझे अपनी वीरता दिखाने का कोई अवसर नहीं मिला। मैं युद्ध में भाग नहीं ले सका और युद्ध करने की मेरी इच्छा मेरे मन में ही रह गई।

तब भगवान श्री राम ने जामवंत जी को कहा की तुम्हारी ये इच्छा अवश्य पूर्ण होगी। जब मैं कृष्ण अवतार धारण करूंगा। तब तक तुम इसी स्थान पर रहकर तपस्या करो। इसके बाद जब भगवान श्री कृष्ण अवतार धारण करके धरती पर प्रकट हुए

राजा सत्यजीत ने सुर्य भगवान की बहुत तपस्या की तो सूर्य भगवान प्रसन्न होकर राजा को एक प्रकाश मणि प्रसाद के रूप में दी। लेकिन वह मणि राजा सत्यजीत का भाई चुराकर भाग गया और जंगल में शेर के हमले में मारा गया और शेर ने वह मणि धारण कर ली। इसके बाद जामवंत ने युद्ध में शेर को हराकर मणि प्राप्त कर ली थी।

इसी मणि की वजह से भगवान श्री कृष्णा और जामवंत जी के बीच तकरीबन 27 दिन तक चला और अंत में जामवंत जी को हार स्वीकार नी पड़ी। लेकिन जामवंत को जब पता चला भगवान श्री कृष्णा है तब जामवंत जी ने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्री कृष्ण के साथ करवाया और सेमंतिका मणि भी भेट में दी थी।

पुरातत्व विभाग के अनुसार यहां पर प्राकृतिक खनिज और बॉक्साइट की मात्रा ज्यादा है। और अन्य कई खनिज भी मौजूद इसलिए यह पूरा स्थान सौराष्ट्र पुरातत्व विभाग के देख रहे इसलिए यहां से पर्यटन को मिट्टी या अन्य कोई जिस वस्तु है लेना मना है। यहां पर कई सारे पर्यटन इस प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जामवंत गुफा को देखने आते हैं।

Jambavan caves timing जामवंत गुफा पर्यटन स्थल पर साल में कभी भी आ सकते हैं सुबह 7:00 से शाम को 5:00 बजे तक यह गुफा खुली रहती है।

जामवंत गुफा की खासियत – Features Of Jamvant Caves

  • जामवंत गुफा में यहां पर छत से पानी टपकने से कई सारे मिट्टी के शिवलिंग का निर्माण होता है।
  • जामवंत गुफा में हर एक शिवलिंग पर हर समय जल अभिषेक कुदरती तरीके से पानी टपकने से होता है।
  • जामवंत गुफा की मिट्टी ( रेत ) और दीवार चमकती सुनहरी पुरातत्व और यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटन को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
  • जामवंत गुफा की छत और दीवारों से हमेशा पानी टपकता रहता है।
  • इस गुफा में प्राकृतिक खनिज और बॉक्साइट जैसे खनिज की मात्रा ज्यादा है।
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