शनिवार, 28 अगस्त 2021

गिरनार पर्वत, जूनागढ़ - Girnar Parvat, Junagadh

गिरनार पर्वत - Girnar hills

गिरनार पर्वत (Giranar Parvat) गुजरात राज्य के जूनागढ़ शहर मे स्थित है। गिरनार पहाड़ी (Giranar Hill) को रेवतक पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। ये गुजरात का सबसे ऊँचा और सबसे पवित्र पर्वत है। गिरनार पर्वत पर करीब 866 जैन और हिंदू मंदिरों के दर्सन कर सकते है।

गिरनार पर्वत (Giranar Mountain) जूनागढ़ शहर से केवल 5 किमी उतर की और आया हुवा है। गीनर पर्वत का शिखर 3672 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहाँ पहॉंच ने के लिए 9999 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यदि आप सबसे ऊपर के मंदिरों तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको पूरा दिन का समय चाहिए होगा।

गिरनार पर्वत में कुल 4 ऊँचे शिखर 1) जैन मंदिर शिखर – 4000 सीढ़ियों पर 2) अम्बाजी शिखर – 5000 सीढ़ियों पर 3) गोरखनाथ शिखर – 5800 सीढ़ियों पर 4) गुरु दत्तात्रेय शिखर 7500-9000 सीढ़ियों पर स्थित है।

गिरनार हिल की सुबह की सैर एक आनंदित अनुभव कराती है, जो टूरिस्ट को जीवनभर याद रहता है। यह हिंदुओं और जैन दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, लोग अक्सर इन मंदिरों में जाते हैं।

यहां गिरनार परिक्रमा उत्सव के दौरान बोहोत ज़्यादा मात्रा में लोग इकट्ठा होते हैं। गिरनार परिक्रमा उत्सव नवंबर में आयोजित किया जाता है।

यहां जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर नेमिनाथ का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंदिर है, जो १२वीं शताब्दी का है। इसके बाद आगे कई हिंदू मंदिर हैं, पहली चोटी पर अम्बाजी मंदिर है, और 1117 मीटर की चोटी पर गोरखनाथ मंदिर है, और अंतिम चौराहे के ऊपर कालिका मंदिर है।

गिरनार पर कैसे चढ़ें

गिरनार पर चढ़ाई करने के 3 तरीके है।
1. पैदल
2. पालखी सेवा
3. रोप वे

1. पैदल

अगर आप पैदल चलके चढ़ाई कर सकते है, तो ये आपके लिए काफी मज़ेदार सफर हो सकता हे। मै आपको तरीका बताता हूं जिससे आपको कम थकावट होगी और आप सबसे ऊँची चोटी तक पहुँच कर वापिस आ सकते है। और सारे धार्मिक स्थलों के दर्शन भी कर सकते है।

जिस दिन आप गिरनार पर चढ़ना चाहते हैं, उससे एक दिन पहले आपको जूनागढ़ पहुंचना होगा। आप जूनागढ़ मे किसी होटेल मै या फिर भवनाथ जो गिरनार पर्वत की तलहटी पर है उसके आश्रम में रुक सकते है।

उस दिन आप जूनागढ़ के अन्य स्थानों पर घूमने जा सकते हैं। जूनागढ़ के अन्य स्थानों के बारेमे जाने इस लिंक पर आपको जूनागढ़ की सारी देखने लायक जगहों के बारे में जानकारी मिल जाएगी।

जूनागढ़ घूम कर शाम को जल्दी भोजन करलें और 8 या 9 बजे के आसपास सो जाए, क्यूंकि आपको रात 3 या 4 बजे चढाई सुरु करनी है। क्यूंकि दत्तात्रेय तक पहुँचने के लिए आप को करीब 10000 सीढियाँ चढ़नी पड़ेगी, जिसमे 4 से 5 घंटे का वक्त लगता हैं। तो अगर आप 3 बजे चढ़ना सुरू करते है तो सूर्योदय होने पर आप ऊपर चोटी तक पहुँच गए होंगे।

इसी लिए रातको 3 या 4 बजे चढ़ना सुरू करना होगा क्यूकी रात मे थकावट कम लगती है, सूर्योदय के बाद चढ़ना काफ़ी मुस्किल हो जाता है।

गिर्नार की तलहटी पर आपको लकड़ियाँ भी मिलती है जो आप रेंट पर ले सकते है। लकड़ी की मदद से थकावट कम होगी।

गिरनार हिल के धार्मिक स्थलों के दर्शन कैसे करें?

क्यूकी आप रात मे चढ़ाई सुरू करेंगे, तो रास्ते में आने वाले लगभग सभी मंदिर बंद मिलेंगे। इसीलिए आपको सीधा पांचवी टूंक यानी दत्तात्रेय शिखर तक पहुचना है। वहां दर्शन करने के बाद, वापिस लौटते वक्त सारे मंदिर दर्शन के लिए खुल गये होंगे, तो आप वापिस लौटते वक्त बाकी सारे मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

2. पालखी सेवा

अगर आप गिरनार चढ़ने में सक्षम नहीं है तो आप पालखी सेवा का उपयोग करके दर्शन कर सकते है। पहले आप का वजन किया जायेगा और उसके मुताबिक भाव लगता है।

3. गिरनार रोप-वे (Girnar Ropeway)

रोप-वे की मदद से आप आसानी से गिरनार पर्वत पर जा सकोगे। अंबाजी माताकी टूंक जो की करीब 5000 सीढियाँ पर है और 2.3 किमी का रुट है। वहाँ पहुँचने में करीब 3-4 घंटे का समय लग जाता था। यह दूरी अब रोप वे सुविधा से सिर्फ 7-8 मिनट्स में तय की जा सकती है।

रोप वे टिकट
प्रति व्यक्ति (दोनों तरफ की) : 700/-
प्रति व्यक्ति (केवल चढ़ाई) : 400/-
बच्चे (16 वर्ष से कम आयु, दोनों तरफ की) : 350/-
बच्चे (16 वर्ष से कम आयु, केवल चढ़ाई) : 200/-

रोप वे ऑनलाइन टिकट बुकिंग और ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाए
udankhatola.com

Girnar Ropeway Contact Number
Mr Ashish : +91 98988 84357

जूनागढ़ गिरनार घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Girnar Junagadh)

गिरनार पर घूमने का सबसे अच्छा समय सिर्फ शर्दियों का है।

बारिश के मौसम मे भी ये जगह ज्यादा खूबसूरत लगती है, लेकिन बारिश मे चढ़ाई करना सेफ नही और गर्मियों में चढ़ाई काफ़ी तकलीफ देह है, इसीलिए नवंबर और फरवरी के बीच जाना बेहतर है।

जूनागढ़ गिरनार पर्वत कैसे पहुंचे? (How to reach Junagadh Girnar?)

जूनागढ़ पहुंचने के बाद आपको बस स्टेशन या रेलवे स्टेशन से भवनाथ तलेटी के लिए लोकल रिक्षा मिल जायेगा। लोकल रिक्षा से आप आसानी से भवनाथ तलेटी पहुँच सकते हो।

जूनागढ़ कैसे पहोचे ये जानने के लिए, यहाँ क्लिक करें

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